NEELAM GUPTA

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लेखनी कहानी -22-Nov-2021बेटियां

🌹🌹नजरियाे 🌹🌹


मेरे आँगन की कोमल फुलवारी ।


ससुराल जाकर मजबूत पेड़ बन गयी ।


अपनी छाया में सबको आराम देकर ।


खुद धूप की परछाई बन गयी ।


अपने फलों से वंश चलाकर ।


परिवार के लिए बंसत बहार बन गयी ।


सबको प्राणमय साँसे देकर।


खुद पतझड़ आने पर झड़ गयी ।


संस्कार की सूरत ममता की मूरत ।


मीठी मीठी बौछार बन गयी ।


खुद आंधी सहते-सहते ।


सावन में ठंडी पवन बन गयी ।

अपनी जड़ों से सींचती सबको ।


ज़िम्मेदारियों से कठोर जेवड़ी बन गयी ।


अपनी शखाओ से जोड़कर सबको ।


खुद भू में गड़ कर एक अड़िग बुनियाद बन गयी ।


मेरे आँगन की कोमल फुलवारी अब एक मजबूत पेड़ बन गयी ।एक मजबूत पेड़ बन गयी।


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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Nov-2021 09:33 PM

बहुत खूबसूरत

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Kavita Jha

22-Nov-2021 08:00 PM

बहुत सुंदर प्रस्तुति नीलम जी

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Niraj Pandey

22-Nov-2021 07:57 PM

बहुत खूब

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